नहेम्याह – एक बोझिल हृदय वाला व्यक्ति

Rev. Robby J Mathew

09 February, 2023

Transcript of this message is also available in Tamil, English and Malayalam

मेरी गवाही : मैं मार-थोमा   कलीसिया का एक याजक था। यह परमेश्वर का मेरे जीवन में हस्तक्षेप है कि मैं आज परमेश्वर की सेवकाई में हूं। मुझे शारजाह में “युवा पादरी” के रूप में काम करने के लिए वर्ष 2012 से 2014 में दुबई में नियुक्त किया गया था। एक दिन, किसी के घर का दौरा करने के बाद, मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं 5 मिनट के लिए भी सो नहीं पा रहा था। नवंम्बर के पूरे महीने मेरी नींद इसी तरह उड़ती रही। मुझे डर था कि कहीं मुझे “अपाहिज” होने का ठप्पा न लग जाए और मैं अपनी सेवकाई जारी नहीं रख पाऊँ। नींद न आने की इस अवधि के दौरान, मुझे “वेकेशन बाइबल स्कूल” संचालित करना पड़ा। लेकिन परमेश्वर की कृपा मेरी कमजोरी के दौरान प्रचुर मात्रा में थी। किसी भी अन्य वर्ष के विपरीत, वी.बी.एस के अंतिम दिन, 40 बच्चों की भारी संख्या ने पूर्ण सेवकाई के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया। आमीन! 

एक और भाई मुझसे मिले और अपनी ठीक वैसी ही समस्या ‘नींद ना आना’ के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया जब मैंने उनके लिए प्रार्थना की तो मैं अपनी स्थिति से मुक्त हो गया और मैं उस रात अच्छी नींद सोया। 21 दिन के आंशिक उपवास और मेरी पत्नी के साथ प्रार्थना करने के 2 साल बाद परमेश्वर ने “मृतकों में से जी उठने और स्वर्ग जाने” के दर्शन के साथ रूढ़िवादी कलीसिया छोड़ने के हमारे निर्णय की पुष्टि की। 

परमेश्वर की स्तुति हो! 

नहेम्याह एक बोझिल हृदय वाला व्यक्ति :

 नहेम्याह 1:8,9

8.तूने अपने सेवक मूसा को जो शिक्षा दी थी, कृपा करके उसे याद कर। तूने उससे कहा था, ‘यदि इस्राएल के लोगों ने अपना विश्वास नहीं बनाये रखा तो मैं तुम्हें तितर—बितर करके दूसरे देशों में फैला दूँगा।

9. किन्तु यदि इस्राएल के लोग मेरी ओर लौटे और मेरे आदेशों पर चले तो मैं ऐसा करूँगा: मैं तुम्हारे उन लोगों को, जिन्हें अपने घरों को छोड़कर धरती के दूसरे छोरों तक भागने को विवश कर दिया गया था, वहाँ से मैं उन्हें इकट्ठा करके उस स्थान पर वापस ले आऊँगा जिस स्थान  को अपनी प्रजा के लिये मैंने चुना है।

परमेश्वर सही समय पर सही व्यक्ति का उपयोग करता है। उसने सही समय पर यरूशलेम की शहरपनाह बनाने के लिए नहेम्याह को चुना। वह एक याचक या नबी नहीं था। लेकिन उसे फारसी सम्राट ने एक पियाऊ के पद पर धर्मनिरपेक्ष स्थिति में रखा था।  परमेश्वर उसे एक बड़े उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे थे । एक पियाऊ के रूप में उसे राजमहल में बहुत सारे विशेष अधिकार प्राप्त थे। वह भरोसे के योग्य व्यक्ति था। राजा को शराब परोसने के पहले वह शराब को चखने वाला पहला व्यक्ति था। वह राजा के  बाद दूसरे स्थान पर था। वह राजा के सलाहकारों में से एक था। परमेश्वर अपने लोगों को सांत्वना देने के लिए ऐसे ही महत्वपूर्ण व्यक्ति का उपयोग करते हैं। नहेम्याह के नाम का अर्थ है  “ईश्वर में आराम”। हो सकता है कि आप एक अच्छी नौकरी में हो परंतु परमेश्वर आप का उपयोग उन लोगों को सांत्वना देने के लिए कर रहे हैं, जो संसार में दुखी और भावनात्मक उथल-पुथल से गुजर रहे हैं। 

परमेश्वर के लोग बेबीलोन में  बंधुआई में थे। राजा कुस्रू को परमेश्वर ने अपने लोगों को बंधुआई से छुडाने के लिए चुना था। यरूशलेम वापस जाना कोई आसान काम नहीं था क्योंकि यरूशलेम खंडहर बन गया था।  परमेश्वर ने वादा किया था कि   70 साल की दासता के बाद वे यरुशलम को लौट आएंगे। परमेश्वर जो कहते हैं उसे करते हैं। 70 साल की गुलामी के बाद परमेश्वर ने जो वादा किया था उसे एक अन्यजाति  राजा के द्वारा पूरा किया। वे एक अन्यजाति राजा नबूकदनेस्सर के कारण निर्वासन में चले गए और कुस्रू नाम के एक और अन्यजाति राजा के द्वारा बंधुआई से वापस लाए गए। 

नहेम्याह 1:3 हनानी और उसके साथ के लोगों ने बताया, “हे नहेमायाह, वे यहूदी जो बंधुआपन से बच निकले थे और जो यहूदा में रह रहे हैं, गहन विपत्ति में पड़े हैं। उन लोगों के सामने बहुत सी समस्याएँ हैं और वे बड़े लज्जित हो रहे हैं। क्यों? क्योंकि यरूशलेम का नगर—परकोटा ढह गया है और उसके प्रवेश द्वार आग से जल कर राख हो गये हैं।”

बचे हुए लोग : 2  या 3 करोड़ लोगों में से केवल 50 हजार लोग ही यरूशलेम लौट पाए। ये लगभग 2% लोग ही हैं। बाकी लोग अभी भी बेबीलोन में थे। वे आराम से रह रहे थे और यरूशलेम वापिस नहीं जाना चाहते थे। बंधुओं का एक छोटा प्रतिशत ही यरुशलेम  लौटा था। परन्तु हमारा परमेश्वर बचे हुए लोगों की चिंता करता है। उसने बचे हुए लोगों की मदद करने के लिए सही समय पर सही नेता को खड़ा किया। टूटी हुई दीवारों और जले हुए शहर के फाटकों के कारण वहां रहने वाले लोग पीड़ित थे और यह यरूशलेम में एक कठिन जीवन जी रहे थे। उन्हे दुश्मन के हमले से कोई सुरक्षा नहीं थी और वह बड़ी परेशानी और शर्म में जी रहे थे। निर्वासन में लोगों के पास दो विकल्प थे या तो यरूशलेम लौट जाए या निर्वासन में ही रहे। हम अपने लिये सोच सकते हैं कि हम कहां हैं? क्या हम निर्वासन में आकर्षक शहर या उजाड़ शहर यरुशलेम में रहना चाहते हैं? परमेश्वर हमसे चाहता है कि हम यरूशलेम लौटें, भले ही इसका मतलब आराम और विलासिता को छोड़कर संघर्ष के जीवन में जाना हो।

हम रूत की पुस्तक में देखते हैं कि अकाल के कारण एलीमेलेक और उसका परिवार यरूशलेम से मोआब जाता है। यरूशलेम का अर्थ है “रोटी का शहर”। वे रोटी के नगर से रोटी ढूंढते हुए वह मोआब के शापित स्थान को जाते हैं। जब उन्हें व्यक्तिगत नुकसान के बाद इसका एहसास होता है, तो वह यरूशलेम वापस आने का फैसला करते हैं।

नहेम्याह 1:4.  मैंने जब यरूशलेम के लोगों और नगर परकोटे के बारे मैं वे बातें सुनीं तो में बहुत व्याकुल हो उठा। मैं बैठ गया और चिल्ला उठा। मैं बहुत व्याकुल था। बहुत दिन तक मैं स्वर्ग के परमेश्वर से प्रार्थना करते हुए उपवास करता रहा।

दयालू हृदय

नहेम्याह, जो राजभवन में सुखी जीवन बिता रहा था, जब उसने सुना कि उसके लोग उजाड़  अवस्था में रहते हैं, तो वो रोने लगा। वह अपने राष्ट्र के बारे में चिंतित और बोझिल था। परमेश्वर अपने लोगों की सहायता करने के लिए ऐसे व्यक्ति को उपयोग करते हैं जिसके हृदय में लोगों की सहायता करने के लिए बोझ हो। नहेम्याह के पास करुणामय हृदय था। करुणा, सहानुभूति नहीं है। यीशु ने जब लोगों को पीड़ित, भूखे और खोए हुए देखा तो उनका हृदय करुणा से भर गया। यहूदी भाषा में एक शब्द है ‘रहम’ – महिला का गर्भ। एक महिला अपने गर्भ के बच्चे के लिये कभी शिकायत नहीं करती। वो बच्चे को हर कष्ट में भी पालती है। करुणा किसी जाति या धर्म के लिए पक्षपाती नहीं है वो सबके लिए समान है। आइए प्रार्थना करें की “परमेश्वर हमें एक दयालू हृदय दे”।

प्रार्थना सब कुछ बदल देती है

नहेम्याह, राजा से सलाह लेने में जल्दबाजी नहीं करता। लेकिन वो ‘राजाओं के राजा’ से सलाह लेता है। वह यहेजकेल के इतिहास को जानता था कि जब उसने दीवार के निर्माण की कोशिश की, तो दुश्मनों ने जानबूझकर उसे नाकाम कर दिया था। वह बहुत अच्छी तरह जानता था कि  यरूशलेम की दीवार का निर्माण राजा के प्रभाव से नहीं,  केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर के द्वारा सम्भव है। यदि परमेश्वर द्वार खोलता है तो उसे कोई बंद नहीं कर सकता।

हम नहेम्याह के अध्याय 1:1 और 2:1 में पढते हैं कि किसलेव नामक महीने से लेकर निसान नामक महीने तक, यानी 4 महीने तक नहेम्याह ने यरूशलेम की शहरपनाह बनाने के लिए इस्राइल जाने की अनुमति की प्रतीक्षा में परमेश्वर से प्रार्थना की। जो यहोवा की उपस्थिति में बाट जोहते हैं,  वह उन्हें टूटी हुई शहरपनाह बनाने की सामर्थ देता है।

टी. एल. ओसबोर्न, अमरीका के दूरदर्शन के इंजीलवादी को, परमेश्वर ने एक वर्ष के लिए दिन में 23 घंटे प्रार्थना करने को कहा। एक वर्ष के बाद इंजीलवादी बिली ग्राहम ने उन्हें एक महासभा में यह कहते हुए आमंत्रित किया कि यहाँ एक व्यक्ति है जिसने परमेश्वर की उपस्थिति में एक वर्ष बिताया है। जब वह भीड़ में से गुजर रहे थे तो चमत्कार होने लगे। लोग चंगाई पाने लगे। 

वाचा निभाने वाला परमेश्वर

नहेम्याह 1:5  इसके बाद मैंने यह प्रार्थना की: “हे यहोवा, हे स्वर्ग के परमेश्वर, तू महान है तथा तू शक्तिशाली परमेश्वर है। तू ऐसा परमेश्वर है जो उन लोगों के साथ अपने प्रेम की वाचा का पालन करता है जो तुझसे प्रेम करते हैं और तेरे आदेशों पर चलते हैं।

परमेश्वर के बारे में नहेम्याह की समझ बहुत स्पष्ट थी। हमारा परमेश्वर अद्भुत और महान है। हमारा परमेश्वर उनके लिये एक वाचा है जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते हैं।

यशायाह 45:1,2  ये वे बातें हैं जिन्हें यहोवा अपने चुने हुए राजा कुस्रू से कहता है: “मैं कुस्रू का दाहिना हाथ थामूँगा। मैं राजाओं की शक्ति छीनने में उसकी सहायता करूँगा। नगर द्वार कुस्रू को रोक नहीं पायेंगे। मैं नगर के द्वार खोल दूँगा, और कुस्रू भीतर चला जायेगा।  कुस्रू, तेरी सेनाएँ आगे बढ़ेंगी और मैं तेरे आगे चलूँगा। मैं पर्वतों को समतल कर दूँगा। मैं काँसे के नगर—द्वारों को तोड़ डालूँगा। मैं द्वार पर लगी लोहे की आँगल को काट डालूँगा। यद्यपि बेबीलोन का साम्राज्य बहुत मजबूत था, परमेश्वर ने इस साम्राज्य में घुसने और अपने लोगों को बंधुआई से छुड़ाने के लिए अन्यजाति के राजा कुस्रू का उपयोग किया, क्योंकि परमेश्वर वाचा को पूरा करता है।

अनुवादक :  अचला कुमार